Saturday, June 24, 2023

परिषदीय विद्यालयों की वर्तमान शिक्षा व्यवस्था और पुराने शिक्षा व्यवस्था में अंतर ।

वर्तमान शिक्षा व्यवस्था और पुरानी शिक्षा व्यवस्था में काफी परिवर्तन हो गया है । आज की शिक्षा व्यवस्था में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बड़े स्तर पर हो रहा है । पुरानी शिक्षा व्यवस्था में बहुत कमिया थी । बच्चे जमीन पर चटाई पर बैठते थे । ड्रेस नही था । किताबे नही मिलती थी । पर्याप्त शिक्षक नही थे । संशाधन भी सीमित थे । लोग जागरूक नही थे । एक समय था जब शिक्षक लोग विद्यालय जाकर आराम फरमाते थे । तब बच्चे भी पढ़ने को लेकर जागरूक नही थे । आज की शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार हो गया है आज के शिक्षक भी बहुत जागरूक हो रहे है । हर साल नई भर्तियां आ रही है । शिक्षक की कमी पूरी हो रही है। अब हर विद्यालय में शिक्षक है । किसी विद्यालय में ताला नही लगा है । विद्यालयों में उच्च गुणवत्ता खाना मिल रहा है । रोज मेनू के हिसाब से मिड डे मील बन रहा है। हर सोमवार को मौसमी फल और बुधवार को 100 मिली दूध दिया जाता है । शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। अधिकतर विद्यालयो में बैठने की व्यवस्था भी हो गयी है। बच्चों के लिए डेस्क और बेंच की व्यवस्था की गई है। सप्ताह के 6 दिन अलग अलग भोजन की व्यवस्था है । सत्र के शुरुवात में बच्चों को निःशुक्ल 2 जोड़ी ड्रेस वितरित की जाती है । साथ ही ठंड से बचने के लिए स्वेटर और जूता मोजा का भी निःशुल्क वितरण किया जाता है । बच्चों को स्कूल आने के लिये बैग भी मील रहा है । 

खेल प्रतियोगिता :  

बच्चो में खेल भावना जागृत करने और बच्चों के अंदर छुपी खेल योग्यता का प्रदर्शन करने के लिए हर साल न्यायपंचायत स्तर,ब्लॉक स्तर,तहसील स्तर,जिला स्तर,मण्डल स्तर और फिर प्रदेश स्तर पर खेल कराए जाते है । जिससे खेल कूद में अच्छी योग्यता रखने वाले बच्चों को अपनी योग्यता का प्रदर्शन करने का मौका मिल जाता है । 

ऑनलाइन प्रशिक्षण :  पहले के अपेक्षा बेसिक शिक्षा विभाग में बहुत परिवर्तन आ गया है । अगर टेक्नोलॉजी की बात करे तो पिछले कुछ सालों से बेसिक से तकनीकी का प्रयोग बहुत ही ब्यापक स्तर पर किया जा रहा है । जब प्रशिक्षण ऑफ लाइन ब्लॉक संसाधन केंद्र पर होता था । शिक्षकों को नाश्ता और दोपहर का भोजन की व्यवस्था सरकार करती थी । इसके लिए मोटी रकम सरकार ब्लॉक संसाधन केन्द्र भेजती है । जबकि आज के समय मे बहुत सारे प्रशिक्षण ऑनलाइन हो गए है । ये प्रशिक्षण मोबाइल के मदद से शिक्षक करते है । जिससे सरकार के खर्चे में कटौती होती है और साथ ही शिक्षक को भी सहूलियत होती है ।  

निष्ठा प्रशिक्षण : निष्ठा प्रशिक्षण का पुरा नाम नेशनल इनिसिएटिव फ़ॉर स्कूल हेड एण्ड टीचर्स होलिस्टिक एडवांसमेंट (स्कूल प्रमुख और शिक्षक की समग्र उन्नति के लिए राष्ट्रीय पहल) है। सरकार निष्ठा के माध्यम से विभिन्न प्रकार के ट्रेनिंग करा रही है । निष्ठा का द्वितीय चरण NISHTHA 2.0 अगस्त में शुरू हुआ था । अभी NISHTHA FLN 3.0 चल रहा है । जो 1 अक्टूबर को शुरू हुआ है । हर महीने 2 प्रशिक्षण ऑनलाइन दिए जा रहे है । कुल 12 प्रशिक्षण है जो अक्टूबर से शुरू होकर मार्च तक चलेगा । हर प्रशिक्षण के बाद 20 प्रश्नों का आकलन हो रहा है । जिसमे 70 प्रतिशत प्रश्न सही होने पर ही प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र दिया जाता है । हालांकि प्रमाण पत्र दीक्षा एप्प पर ऑनलाइन दिया जाता है । 

दीक्षा एप्प :-  दीक्षा एप्प के माध्यम से परिषदीय शिक्षकों के सभी ट्रेनिंग पूरे किए जाते है । प्रेरणा मिशन से लेकर जितने भी प्रशिक्षण होते है सब दीक्षा एप्प के माध्यम से किये जा रहे है । दीक्षा एप्प एक माध्यम है | प्रशिक्षण के साथ साथ यहा आकलन भी किया जाता है।  ट्रेनिंग में हर मॉड्यूल के बाद एक आकलन प्रश्नोत्तरी दिया जाता है है जो ट्रेनिंग के मॉड्यूल पर निर्भर होता है ।

मिशन प्रेरणा : परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के 75 जिलों में शिक्षा व्यवथा के लिए मिशन प्रेरणा शुरु की गई । प्रेरणा लक्ष्य को मार्च 2023 तक पूरा करना है पहले यह लक्ष्य मार्च 2022 तक था किंतु कोरोना संक्रमण के कारण lockdown लग गया जिससे स्कूल ,कॉलेज सब बन्द हो गए । तब सरकार ने प्रेरणा लक्ष्य पूरा करने की तिथि को  1 साल बढ़ा दिया । अब मार्च 2023 तक प्रेरणा लक्ष्य को पूरा करना है । प्रेरणा लक्ष्य का चरण में पगले प्रेरक विद्यालय, प्रेरक ब्लॉक, प्रेरक तहसील, प्रेरक जिला ,प्रेरक मण्डल,फिर प्रेरक प्रदेश बनेगा। 

ऐसी क्रम में सभी विद्यालयों को प्रेरणा तालिका ,प्रेरणा सूची दी गयी है । उसी के हिसाब से बच्चों पढ़ाया जा रहा है ।

प्रेरणा लक्ष्य :  कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए कुल 10 प्रेरणा लक्ष्य दिए गए है । जिसमे 5 हिंदी के 5 गणित के लक्ष्य है । 

प्रेरणा लक्ष्य इस प्रकार है - 

हिंदी (Hindi):

CLASS 1 : diye gye badi me se 5 shabd pahchan leta ho.

Class 2 : 20 shabd prati minutes pdh leta ho.

Class 3 : 30 shabd prati minutes pdh leta ho.

Class 4 : diye gye anuchchhed ko pdh k 75 % prashno ka uttar de ske .


Class 5 : diye gye bde anuchchhed ko padhakar 75% prashno ka uttar de ske.


गणित (Maths) : 

CLASS 1: diye gye sankhya me se 5 sankhya pahchan leta ho .

CLASS 2: 1 ankiy jod aur ghatana ke 75 % prashno ko kr leta  ho.

CLASS 3: hasil wala jod aur ghatana ke 75% prashn  aata ho.

CLASS 4:  guna k 75% prashno ko kr leta ho. 

CLASS 5: bhag k 75% prashn kr leta ho.