Thursday, June 1, 2023

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद का बदलता स्वरूप |

 Introduction: बेसिक शिक्षा परिषद में बदलाव की बहुत जरूरत है। बेसिक शिक्षा को सुधार करना एक बड़ी समस्या है । किंतु वर्तमान समय मे उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग में बहुत ही बदलाव हो गया है । बहुत ही प्रोसेस चल रहा है । 

कुछ बदलाव निम्नवत है -

1.Bench/Desk: वर्तमान समय मे बहुत से विद्यालयो में बैठक व्यवस्था हो चुकी है। बहुत से स्कूलों में बेंच और डेस्क लग चुका है कुछ विद्यालयो में लगने का कार्य प्रगति पर है । परिषदीय विद्यालयों में बैठक व्यवस्था सही करने से बच्चों को पढ़ने और बैठने में आसानी हो जा रही है जिससे बच्चे अच्छे से शिक्षा ग्रहण कर सकते है ।

2.Teacher Vacancy:कुछ साल पहले बहुत से परिषदीय विद्यालयों में ताला लगा था । बहुत से परिषदीय विद्यालय बन्दी के कगार पर थे किंतु पिछले 4 साल में सवा लाख से ज्यादा शिक्षक की भर्ती हुई है जिससे सभी बन्द पड़े स्कूल खुल चुके है प्रत्येक विद्यालय में शिक्षक की उपलब्धता हो गयी है । 

3.Composite Grant: वर्तमान सरकार ने प्रत्येक स्कूल में में व्यवस्था सही करने के लिए हर साल बच्चों की संख्या के आधार पर एक धनराशि जारी करता है । उस धनराशि का उपयोग विद्यालय की मरम्मत, साफ सफाई, रंगाई पुताई पेयजल व्यवस्था आदि पर खर्च करना होता है । बच्चों के नामांकन के आधार पर पैसे स्कूल के प्रबंध समिति में भेजे जाते है 

100 नामांकन तक -25000 रुपये

150 नामांकन तक-50000 रुपये

150 से ऊपर नामांकन तक -75000 रुपये 

इस प्रकार धनराशि आवंटित होती है ।

ये सुविधाएं पहले नही थी । वर्तमान सरकार ने बेसिक शिक्षा पर ध्यान दिया और ये व्यवस्थाये लागू की ।



4.Mission Kayakalp: बेसिक शिक्षा विभाग का शकल सूरत बदलने के लिए मिशन कायाकल्प चलाया गया है । इस मिशन के तहत विद्यालयों में टाइलिकरण , शौचालय की व्यवस्था,विजली आदि की व्यवस्था करना होता है । इस मिशन कायाकल्प से विद्यालयो की सुंदरता देखने लायक बनती है । स्कूल की रँगाई, पुताई और प्रिंट रिच वातावरण भी इसी में शामिल है । रंगीन पेंट के माध्यम से विद्यालय की दीवारों पर चित्रकारी करके विद्यालय के वातावरण को प्रिंट रिच बनाया जाता है । बच्चों के खेलने कूदने की व्यवस्था भी ऐसी फंड से की जाती है । बच्चों के स्वास्थ्य के लिए फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था की जाती है जिसके तहत 

इस पैसे का उपयोग बच्चों के बैठक व्यवस्था को सुदृण करने में किया जाता है । पूर्ववती के सरकारों में ये व्यवस्था नही थी । जिससे विद्यालयों की व्यवस्था बिगड़ती जाती थी । लेकिन मौजूदा सरकार ने जरूरतों को समझते हुए हर साल एकमुश्त धनराशि विद्यालय को भेजी जाती है ।

5. DBT ( Direct Beneficiary Transfer): 

सरकार ने बच्चों को ड्रेस,मौज,जूता,बैग और स्वेटर देने के बजाय एक ऐसी योजना लायी है जिसके अंतर्गत बच्चोबक अभिभावक खुद बच्चों की सामग्री खरीदेंगे इसके बदले में सरकार उनको पैसा देगी । इस योजना का नाम DBT दिया गया । DBT के नाम से एप्लिकेशन प्ले स्टोर पर है । जिसके माध्यम से शिक्षक बच्चों का डेटा और अभिभावक का खाता संख्या फीड करता है । और सरकार उनके खाते में पैसा भेजती है । वर्तमान समय मे सीडेड , अनसीडेड की समस्या आ रही है । जिन अभिभावकों का बैंक खाता आधार से लुंक है वो खाता सीडेड कहा जाता है और जो खाता आधार से लिंक नही होता है उसे अनसीडेड की श्रेणी में  रखा गया है । जो खाते सीडेड है उनके खाते में पैसा भेज दिया जाता है और अनसीडेड खातों को सीडेड में बदलने को कहा जाता है । इस योजना से बच्चों को काफी नुकसान भी है। एक साथ सबके पास स्वेटर ,जूता, मौज,बैग,ड्रेस ,स्वेटर आदि की व्यवस्था नही हो पा रही है ।

6.Conclusion: इस प्रकार हम देख रहे है कि विगत कुछ वर्षों से बेसिक शिक्षा विभाग में लगातार परिवर्तन हो रहे है। पिछले साल की तुलना में 54 लाख नए नामांकन हुए है । अच्छी शिक्षा व्यवस्था के वजह से बेसिक शिक्षा विभाग में लागातार नामांकन बढ़ रहे है ।